Nirankari Vichar : जब किसी घर में बच्चा पैदा होता है तब न हिन्दू होता है न मुसलमान, न सिख, न ईसाई, बच्चा केवल बच्चा होता है। वह अगर हिन्दू के घर में पलता बढ़ता है तो हिन्दू कहलाने लगता है और अगर मुसलमान, सिख, ईसाई के घर में परवरिश पाता है तो मुसलमान, सिख, ईसाई कहलाने लगता है। हिन्दू, मुसलमान, सिख या ईसाई सभी का अलग-अलग व्यक्तित्व है लेकिन जब बच्चा पैदा हुआ था तो वह केवल इंसान था। मानो हिन्दू, मुसलमान, सिख या ईसाई ऊपर से सीखी गई बातें हैं फिर इस सूरत में बच्चा हिन्दी सीखे, उर्दू सीखे, पंजाबी या अग्रेंजी सीखे जो भी भाषा बच्चा सीखेगा वही उसकी भाषा हो जाएगी हालांकि जब बच्चा पैदा होता है तो मौन पैदा होता है, अबोध शिशु की कोई भाषा, जात-पाँत नही होती।
Nirankari Vichar | निरंकारी रहमतें
Nirankari Vichar In Hindi
बच्चे को आगे जो भी सिखाया जाता है वह सीखता चला जाता है और जब वही बच्चा प्रौढ़ हो जाता है तो उसके चारों तरफ एक ढांचा निर्मित हो जाता है भाषा का व्यवहार का व्यक्तित्व का राष्ट्र का, जात-पाँत का आचरण व धर्म का और इस ढांचे को हम समझने लग जाते है कि हम यह हैं। सच तो यह है कि हम जिसको अभी तक अपना होना समझते आ रहे हैं इस बात ने ही हमसे हमारा असली मानव वाला, व्यक्तित्व छीन लिया है। [Nirankari Vichar In Hindi] इस नकली व्यक्तिव को उतार फेंकने की प्रक्रिया ही असली धर्म है और यही मानवता है। जब समय के सद्गुरु की कृपा से हम अपने ऊपर चढ़ी ऊपरी परत को उतार फेंकते हैं और हमारे पास मूल सहज स्वभाव, जो हमारे जन्म के पहले भी हमारे पास था और जब हम नहीं रहेंगे तब भी हमारे पास होगा, जब यह शुद्धतम स्वरूप हमारे पास रह जाता है तो हमारा मिलाप परमात्मा से होता है। वास्तविकता तो यह है कि यह जो झूठ है इसी के खोने की बात है, हमारे खोने की तो कोई बात ही नहीं है लेकिन विडम्बना यह है कि इस बात का पता हमें नहीं होता है।
यह सारी सृष्टि एक इकाई है, जड़-चेतन जगत का ज़र्रा-ज़र्रा एक दूसरे पर आधारित है। पूरा ब्रह्मांड एक ईकाई है। इसमें कोई उथल-पुथल हो तो सारा समाज प्रभावित होता है।
इक्को सूरत रंग अनेकां सारा ताणा बाणा आप।
आप समुन्दर आपे लहरां कंढा आप मुहाणा आप। [Nirankari Vichar]
जब तक हम मानवता पर आधारित सह-अस्तित्व का रहस्य जानने की कला सद्गुरु द्वारा नहीं सीख लेते, हम मानवता की वास्तविकता को नहीं जान पाते क्योंकि जब तक मानव, मानव के करीब नहीं आता तब तक एकता, अखण्डता और जीवन में मानवता का स्थान सुनिश्चित नहीं हो पाता। वाकई! एक को जानो, एक को मानो, एक हो जाओ, जीवन में मानवता के स्थान को जानने का महान सूत्र है ।
एकनिरंकारी, एक ‘संत’ है, जो हर समय, हर जगह और सभी रिश्तों के बीच एक ‘सन्तमति‘ को धारण करके, सरल संत जीवन जीने की कोशिश करता है। यहां सन्तमति का अर्थ किसी विशिष्ट तरीके से कपड़े पहनना नहीं है, बल्कि अपने कर्मों को सत्य, प्रेम, सहिष्णुता, करुणा और निस्वार्थ सेवा से अलंकृत करना है।
Nirankari विचारधारा वह मौलिक विचार है जो किसी समुदाय के व्यक्तियों के विचारों, शब्दों और कार्यों का आधार बनता है। निरंकारी होने का विचार बहुत सरल, फिर भी गहरा है।
Humanism is a philosophy that focuses on Luman values and concerns, emphasizing the importance of these principles in our daily lives. This perspective is deeply ingrained in humanity’s essence, as if divinely intended by Almighty God to distinguish us from other species. Many argue that humanism is a secular ideology that champions reason, ethics, and justice. It stands apart from religion, which revolves around its distinct ethical philosophies, rituals, and beliefs. With its emphasis on reason and morality, humanism enriches our existence and guides us towards a more enlightened and compassionate path.
True humanism can only be understood if one is enlightened by God-knowledge and has a clear perception of the Creator and the creation. The human values, ethics and beliefs, as enunciated by the True Master, are the guidelines for the journey through this materialistic world. The True Master says, “Life gets a meaning if it is lived for others.” This decree encompasses the vast reservoir of directions and guidelines for our lifestyle. God’s rewards and punishments are based on our deeds:
My deeds have begotten me the result, and I have none to blame.
HUMANISM
One of the ancient comparisons of humanism stressed that humans had the free will to travel up and down a moral scale, with ‘God and Angles‘ being at the top and ‘Satan‘ being at the bottom. Such morals and values were taught in the Chrisitianised Society. Similarly, Judaism defined ethics and morality to serve human needs, and indicated that choices should be based upon “consideration of the consequences of actions” rather than upon preordained rules or commandments. The humanistic philosophy of Budhism epitomises the integration of people’s spiritual practice into all aspects of their daily lives. Their philosophy encompasses all the Buddhist teachings from the time of Gautama Buddha. Its goal is to live the Bodhisattva way, which means to be an energetic, enlightened and endearing person who strives to help all sentient beings liberate (Enlighten) themselves. It focuses on issues of the world rather than on how to leave the world behind; on caring for the living, rather than the dead; on benefiting others; rather than benefiting oneself and on universal salvation, rather than for only oneself. It emphasises on spirituality based daily life but full of wisdom, of compassion and ethical responsibility, to have the best interests of others in one’s mind and heart and to bring joy to all beings having deep care and concern for others.
The Sant Nirankari Mission believes that man becomes human only if he imbibes human values such as love, humanity and compassion. If there is love in our heart, it is reflected in our word and deed. Some of the qualities reflecting humanism may be enumerated as helping attitude, compassion, humility, tolerance, sharing attitude, selfless service, positivity, ability to sacrifice and provide support, to share others’ sorrow, etc. In short, humanism denotes any activity which is beneficial to others and the society. Our prayers in the form of Prologue (Mangla Charan) and Epilogue (Dhooni) are for incorporation of the human values in our conduct and daily life. One can adapt to true humanism if one has attained enlightenment and follow the teachings of the True Master.
सन्त निरंकारी मण्डल के सचिव श्री जोगिन्दर सुखीजा जी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सन्त निरंकारी हेल्थ सेंटर का आरम्भ (Sant Nirankari Health Center Delhi) सन् 1975 में डॉ. अमरनाथ जी द्वारा किया गया। तब से लेकर अभी तक इस हेल्थ सेंटर से लाखों लाभान्वित हो चुके हैं।
Inauguration of Sant Nirankari Health Center Delhi 2023
वर्तमान में इसका नवीनीकरण करके अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त चिकित्सालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है ताकि मरीजों का उपचार उचित एवं बेहतर रूप से किया जा सके।
सत्गुरु माता जी ने इस अवसर पर अपने आशीर्वचनों में कहा कि अनेक वर्षों से सभी को निरंकारी डिस्पेंसरी की जो सेवाएं प्राप्त हो रहीं थीं अब इसे हेल्थ सेंटर (Sant Nirankari Health Center Delhi) के नाम से सम्बोधित किया जाएगा जिसमें पूर्णतः सभी सुविधाएं देने का प्रयास किया गया है। आपने कहा कि जो भी इस सेंटर में आये वह इस भाव से आये कि निरंकार ने हमें जो यह शरीर दिया है उसकी संभाल करते हुए इन सेवाओं का लाभ प्राप्त करें और स्वस्थ होकर जायें। जब हम निरंकार को प्राथमिकता देते हैं तब हम स्वयं ही सेवा एवं सुमिरण के भाव से जुड़ जाते हैं। फिर हमारा जीवन वास्तविक रूप में भक्तिमय बन जाता है। और हम हर एक में निरंकार के दर्शन करते हुए सेवा का भाव ही मन में रोगियों के उपचार हेतु अपनाते हैं।
Inauguration of Sant Nirankari Health Center Delhi 2023
हेल्थ सेंटर (Sant Nirankari Health Center Delhi) का संपूर्ण कार्यभार योग्य मेडिकल डायरेक्टर डॉ. गीतिका दुग्गल जी को सौंपा गया है। साथ ही वर्षों से सेवा में तल्लीन कॉर्डिनेटर डॉ. नरेश अरोड़ा जी भी अपनी सेवाएं कर्मठता पूर्वक निभा रहे हैं। हेल्थ सेंटर में मरीजों के उपचार हेतु विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्स-रे, ई.सी.जी. लैबोरेट्री, पैथोलॉजी, ऑपरेशन थियेटर, आई सेंटर, दंत सेंटर, होम्योपैथी, कायरोप्रैक्टिक इत्यादि की सेवाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही इस सेंटर में योग्य एवं प्रशिक्षित डॉक्टर्स जैसे सर्जन, अल्ट्रासाउंड, शिशु रोग, स्किन रोग, ई. एन. टी., अस्थि रोग, हृदय रोग, महिला रोग, दंत रोग चिकित्सक, रेडियोलोजिस्ट, फिजिशियन इत्यादि विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे।
हेल्थ सेंटर में टेस्ट एवं दवाईयाँ भी चैरिटी दरों पर उपलब्ध होंगी । इन सभी सुविधाओं का लाभ स्थानीय निवासियों के अतिरिक्त आसपास रहने वाले सभी नगरवासियों द्वारा प्राप्त किया जा सकेगा । हेल्थ सेंटर को पूर्णतः वातानुकूलित बनाया गया है। सेंटर में रोगियो हेतु 10 बेड की व्यवस्था भी की गई है।
Inauguration of Sant Nirankari Health Center Delhi 2023
हेल्थ सेंटर के खुलने का समय प्रातः 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक तत्पश्चात् दोपहर 2 बजे से सायं 6 बजे तक होगा। इस सेंटर में मरीजों के लिए 24 घंटे की आपातकालीन सुविधा भी उपलब्ध होगी जिसके अंतर्गत रोगियों को एडमिट करने के साथ-साथ निःशुल्क एम्बुलेंस की व्यवस्था भी प्रदान की गई है। निश्चित रूप से मिशन समय-समय पर जनकल्याण हेतु अनेक सेवाओं को निभा रहा है जो सामाजिक उत्थान हेतु एक सार्थक कदम है।
उद्घाटन समारोह में पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन, क्षेत्रीय विधायक श्री दिलीप पाण्डेय, श्री पवन शर्मा एवं पार्षद श्री राज कुमार भाटिया सहित अन्य अनेक गण्यमाण्य सज्जन उपस्थित थे।
सन्त निरंकारी मिशन का 76वाँ निरंकारी सन्त समागम (76th Nirankari Sant Samagam), सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एंव निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन छत्रछाया में 28,29 व 30 अक्टूबर 2023 को सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा के मैदानों में आयोजित किया जाएगा।
इस तीन दिवसीय सन्त-समागम के पश्चात् पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष 31 अक्टूबर को ‘गुरु वंदना‘ समारोह आयोजित किया जाएगा और सामूहिक विवाह समारोह 2 नवम्बर को होगा।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की कल्याण यात्रा की लड़ी में 44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam Prayagraj में होने जा रहा है
Nirankari Live
Nirankari Live
Satguru Mata Sudiksha Ji Birthday 2023
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam Prayagraj 2023 | 44 वां उत्तर प्रदेश निरंकारी सन्त समागम 2023
प्रयागराज में 44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam कब से कब तक
उत्तर प्रदेश का यह 44 वां वार्षिक निरंकारी संत समागम जो कि प्रयागराज में होना निश्चित हुआ है, यह समागम 24 मार्च के लेकर 26 मार्च 2023 तक चलेगा
प्रयागराज में सन्त निरंकारी समागम का पहला दिन
प्यारी साध संगत जी समागम के पहले रोज सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की छत्रछाया में सर्वप्रथम सामूहिक शादियों का कार्यक्रम रखा गया है और समागम के ही पहले रोज सेवादल रैली का भी आयोजन किया गया है
प्रयागराज में सन्त निरंकारी समागम का दूसरा दिन
साध संगत जी समागम के दूसरे रोज सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की पवित्र छत्रछाया में विशाल सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है
प्रयागराज में सन्त निरंकारी समागम का तीसरा दिन
और साध संगत जी वहीं 44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam के तीसरे रोज सद्गुरु माता जी की छत्रछाया में जहां एक तरफ दोपहर से शाम तक विशाल सत्संग चलेगा तो उसी दिन वहीँ कुछ समय पश्चात साथ ही साथ गुरु वंदना का कार्यक्रम भी होना निश्चित हुआ है
क्या प्रयागराज सत्संग भवन में ठहरने की कोई सुविधा है?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam प्रयागराज सत्संग भवन में आवास की ऐसी कोई सुविधा नहीं है।10 मार्च से 31 मार्च 2023 तक प्रयागराज के किसी भी सत्संग भवन में ठहरने की सुविधा नहीं होगी। समागम स्थल पर ही आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। अतः दिल्ली या अन्यत्र से आने वाले सभी संतों से अनुरोध है कि वे सीधे समागम स्थल पर पहुँचे।
प्रयागराज सन्त निरंकारी समागम में प्रदर्शनी कितने बजे खुली रहेगी?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam में निरंकारी प्रदर्शनी समागम शुरू होने से पहले शाम से देखने के लिए खुली रहेगी और समागम के सभी दिनों में सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक चलेगी लेकिन सतगुरु माताजी के प्रवचन के दौरान यह बंद रहेगी।
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam में रेलवे आरक्षण कार्यालय, मोबाइल चार्जिंग काउंटर और एटीएम की सुविधा उपलब्ध होगी?
हां, 44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam में ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी
प्रयागराज सन्त निरंकारी समागम में लंगर वितरण का समय क्या है?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam में लंगर वितरण सुबह 9 बजे शुरू होगा और रात्रि 11 बजे तक चलेगा लेकिन सतगुरु माताजी के प्रवचन के दौरान यह बंद रहेगा।
प्रयागराज सन्त निरंकारी समागम में बिस्तर की कोई सुविधा होगी ?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam में जमीन पर ऐसी कोई सुविधा नहीं होगी। आपको सलाह दी जाती है कि आप मौसम की स्थिति के अनुसार बिस्तर या आवश्यक सामान ले जाएं।
Are there any facilities to stay at Prayagraj Satsang Bhawan?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam :There is no such facility of accommodation at Prayagraj Satsang Bhawan. Starting 10th March up to 31st March 2023 there shall be no facility of accommodation at any Satsang Bhawan of Prayagraj. Accommodation facilities are made available at the Samagam venue itself. Hence all those saints coming from Delhi or elsewhere are requested to directly reach the Samagam Venue.
At what times shall the Nirankari Exhibition be open?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam : Nirankari Exhibition shall be open to viewing from the evening prior to the onset of Samagam and shall continue during all days of Samagam from 9 am to 9 pm however it shall remain closed during the discourse of Satguru Mataji.
Will the Railway Reservation office, Mobile Charging counter and ATM facilities be available at the Samagam ground?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam : Yes these facilities shall be made available
What are the timings of Langar distribution?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam : Langar distribution shall commence at 9 am and will continue upto 11pm however it shall remain closed during the discourse of Satguru Mataji.
Will there be any facility of beddings at Samagam ground?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam :There shall be no such facility at ground. You are advised to carry the beddings or the necessities as per the weather conditions.
प्रयागराज सन्त निरंकारी समागम में सामूहिक शादियाँ कब हैं ?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam : प्रयागराज सन्त निरंकारी समागम में सामूहिक शादियाँ 24 मार्च 2023 को हैं
प्रयागराज सन्त निरंकारी समागम में सेवादल रैली कब है ?
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam : प्रयागराज सन्त निरंकारी समागम में सेवादल रैली भी 24 मार्च 2023 को है
प्रयागराज सन्त निरंकारी समागम में गुरु वंदना कब है
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam : प्रयागराज सन्त निरंकारी समागम में गुरु वंदना 26 मार्च 2023 को है
44th Uttar Pradesh Nirankari Sant Samagam Prayagraj 2023 | 44 वां उत्तर प्रदेश निरंकारी सन्त समागम 2023
Nirankari Live : महाराष्ट्र के रत्नागिरी में सतगुरु माता सुदीक्षा जी की हुजूरी में निरंकारी सत्संग 16 मार्च 2023 को सम्पन्न होने जा रहा है
रत्नागिरी में निरंकारी सत्संग का समय क्या है ?
महाराष्ट्र के रत्नागिरी में सतगुरु माता सुदीक्षा जी की हुजूरी में निरंकारी सत्संग Nirankari Live का समय शाम के 5 बजे से रात के 9 बजे तक का है
रत्नागिरी में निरंकारी सत्संग का स्थान कौन सा है ?
महाराष्ट्र के रत्नागिरी में सतगुरु माता सुदीक्षा जी की हुजूरी में निरंकारी सत्संग कास्थानChampak Maidan, Udyamnagar, Shirgaon M.I.D.C., Ratnagiri, Dist. Raigad, Maharashtra है
निरंकारी लाइव Ratnagiri का समय क्या है ?
निरंकारी लाइव Ratnagiri का समय शाम को 5 बजे से रात के 9 बजे तक है
13 मार्च, 1985 को बाबा हरदेव सिंह जी और माता सविंदर जी के पवित्र परिवार में जन्मी तीन बहनों में सबसे छोटी सुदीक्षा जी अपने धैर्य, शक्ति, विश्वास और ज्ञान के कारण हमेशा सबसे अलग रहीं।
Satguru Mata Sudiksha Ji Birthday 2023
छात्र जीवन
उन्होंने अपने छात्र जीवन में हमेशा एक गुरसिख के गुणों को बरकरार रखा।
शिक्षा
उसने मनोविज्ञान में स्नातक किया है।
निरंकार में विश्वास
जीवन में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के बाद भी, सुदीक्षा जी का निरंकार में विश्वास कभी नहीं टूटा।
प्रेरणा स्रोत
वह हमेशा अपने आसपास के सभी लोगों के लिए शक्ति और आनंद का स्तंभ रही है।
सन्त निरंकारी मिशन की अगुवाई
16 जुलाई 2018 को जब माता सविंदर हरदेव जी महाराज ने उन्हें मिशन की अगुवाई करने की सेवा सौंपी, तो सद्गुरु माता सुदीक्षा जी ने विनम्रता से सिर झुकाया और दुनिया भर में सत्य और प्रेम के संदेश को फैलाने की बड़ी जिम्मेदारी स्वीकार की।
मार्गदर्शक
माता सुदीक्षा जी भक्तों, विशेषकर युवाओं को सदाचारी, अनुशासित और सार्थक मार्ग की ओर लगातार प्रेरित और मार्गदर्शन करती रही हैं।
सन्देश
वह मानती हैं और उपदेश देती हैं कि ईश्वर को जानना ही संतुलित और आनंदमय जीवन जीने का एकमात्र तरीका है।
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी का जन्म कब हुआ था ?
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी का जन्म 13 मार्च, सन 1985 को हुआ था
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी के पिता का नाम क्या है ?
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी के पिता का नाम हरदेव सिंह जी है जो कि सन्त निरंकारी मिशन के चौथे सतगुरु थे.
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी की माता जी का नाम क्या है ?
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी की माता जी का नाम सविन्दर कौर जी है.
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी का छात्र जीवन कैसा था ?
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी ने अपने छात्र जीवन में हमेशा एक गुरसिख के गुणों को बरकरार रखा।
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी की शिक्षा का क्षेत्र कैसा था ?
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी ने मनोविज्ञान में स्नातक किया है।
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी की के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है ?
अपने जीवन में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के बाद भी, सतगुरु माता सुदीक्षा जी का निरंकार में विश्वास कभी नहीं टूटा।
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी का सन्देश क्या है ?
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी का समस्त मानव जाति के लिए यह सन्देश है कि सभी मानव / इन्सान एक ही प्रभु परमात्मा के अंश हैं और हर एक इन्सान, एक – दूसरे के प्रति प्यार, नम्रता, आदर और सत्कार का भाव रखें. सभी में आपसी भाईचारा हो और वक्त रहते अपने मूल की पहचान कर लें जो कि मानव का एकमात्र सर्वप्रथम लक्ष्य है प्रभु-परमात्मा का बोध हासिल करके उसे जानना और पाना, जब इन्सान को परमात्मा की प्राप्ति हो जाती है तो उसका जीवन धन्य हो जाता है. प्रभु प्राप्ति के पश्चात् उसका लोक सुखी और परलोक भी सुहेला हो जाता है.
56वां महाराष्ट्र निरंकारी सन्त समागम औरंगाबाद 2023
56th Maharashtra Nirankari Sant Samagam Aurangabad 2023 | 56वां महाराष्ट्र निरंकारी सन्त समागम औरंगाबाद 2023
Blessing by Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj at 56th Annual Nirankari Maharashtra Sant Samagam 2023
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56वां महाराष्ट्र निरंकारी सन्त समागम औरंगाबाद 2023
56th Maharashtra Nirankari Sant Samagam Aurangabad 2023 | 56वां महाराष्ट्र निरंकारी सन्त समागम औरंगाबाद 2023
Glimpses of 56th Annual Nirankari Maharashtra Sant Samagam 2023
Blessing by Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj at 56th Annual Nirankari Maharashtra Sant Samagam 2023 | Sant Nirankari Mission
Glimpses of 56th Annual Nirankari Maharashtra Sant Samagam 2023 | 56वां महाराष्ट्र निरंकारी सन्त समागम औरंगाबाद 2023 | Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj and Rajpita Ramit Ji
Nirankari LiveGlimpses of 56th Annual Nirankari Maharashtra Sant Samagam 2023
Nirankari Aurangabad Mumbai Samagam
56th Maharashtra Nirankari Sant Samagam Aurangabad 2023 | 56वां महाराष्ट्र निरंकारी सन्त समागम औरंगाबाद 2023
Blessing by Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj at 56th Annual Nirankari Maharashtra Sant Samagam 2023
धन निरंकार जी संतो, काफी लंबे समय के अंतराल के बाद लगभग 3 वर्षों के पश्चात निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की रहनुमाई में दिल्ली के विशाल संत निरंकारी सत्संग ग्राउंड में एक विशाल सत्संग कार्यक्रम होने जा रहा है जो कि दिल्ली के बुराड़ी इलाके में ग्राउंड नंबर आठ के नाम से स्थित है. इस विशाल सत्संग कार्यक्रम की विस्तृत सूचना निम्नलिखित इस प्रकार से है. Nirankari Satsang Delhi Live
Dhan Nirankar Ji Santos, After a gap of almost 3 years, a huge satsang program is going to be held with blessings of Nirankari Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj Ji at Sant Nirankari Satsang Ground in Delhi, which is located in Burari area of Delhi. It is situated in the name of ground number 8 . The detailed information of this huge satsang program is as follows : Nirankari Satsang Delhi Live |
निरंकारी सत्संग दिल्ली कार्यक्रम का समय | Nirankari Satsang Delhi Programme Timings
दिल्ली में निरंकारी सत्संग Nirankari Satsang Delhi Live कार्यक्रम का समय किस प्रकार से है ? How is the timing of Nirankari Satsang program in Delhi?
दिल्ली में निरंकारी सत्संग का समय सुबह के 11:00 बजे से लेकर दोपहर के 2:30 बजे तक है. The timing of Nirankari Satsang in Delhi is from 11:00 am to 2:30 pm.
निरंकारी सत्संग दिल्ली कार्यक्रम का स्थान | Venue of Nirankari Satsang Delhi Programme
दिल्ली में निरंकारी सत्संग Nirankari Satsang Delhi Live 2022 कार्यक्रम कहां पर और कौन से ग्राउंड में होना है ? Where and at which ground is the Nirankari Satsang program to be held in Delhi?
दिल्ली में निरंकारी सत्संग कार्यक्रम Nirankari Satsang Delhi Live बुराड़ी इलाके के सत्संग ग्राउंड नंबर 8 ( आठ ) में होना तय हुआ है. Nirankari Satsang program in Delhi has been decided to be held at Satsang Ground No. 8 of Burari area.
क्या इस दिन रविवार 11 दिसम्बर को Nirankari Satsang Delhi Live दिल्ली और ग्रेटर दिल्ली की किसी भी ब्रांच में सत्संग का कोई भी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा ? Will any program of satsang be organized in any branch of Delhi and Greater Delhi on this day, Sunday 11th December?
नहीं इस दिन रविवार Nirankari Satsang Delhi Live को दिल्ली और ग्रेटर दिल्ली की किसी भी ब्रांच में सत्संग का कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. No, on this Sunday, no programme of satsang will be organized in any branch of Delhi and GreaterDelhi.
दिन रविवार 11 दिसम्बर को निरंकारी सत्संग ग्राउंड नंबर 8 में जाने के लिए सबसे उत्तम रास्ता कौन सा बेहतर रहेगा ? Which is the best way to go to Nirankari Satsang Ground No. 8 on Sunday, 11th December?
निरंकारी सत्संग ग्राउंड नंबर 8 में जाने के लिए समस्त साध संगत के लिए दिल्ली के जगतपुर वाले फ्लाईओवर से अंदर वाले रोड से आकर फिर निरंकारी सत्संग राउंड नंबर 8 तक जाने वाले रास्ते तक आने वाला रास्ता ही बेहतर रहेगा. To go to Nirankari Satsang Ground No. 8, it would be better for all the Sadh Sangat to come from Delhi’s Jagatpur flyover, from the inner road and then till the road leading to Nirankari Satsang Round No. 8. | Sant Nirankari Mission
दिल्ली में निरंकारी सत्संग कब और कौन से दिन की है ? | Nirankari Satsang Delhi Live
दिल्ली में निरंकारी सत्संग दिन रविवार, दिसंबर महीने की 11 तारीख को है.
दिल्ली में निरंकारी सत्संग कार्यक्रम का समय किस प्रकार से है ?
दिल्ली में निरंकारी सत्संग का समय सुबह के 11:00 बजे से लेकर दोपहर के 2:30 बजे तक है. | Nirankari Satsang Delhi Live
दिल्ली में निरंकारी सत्संग कार्यक्रम कहां पर और कौन से ग्राउंड में होना है ? | Nirankari Satsang Delhi Live
दिल्ली में निरंकारी सत्संग कार्यक्रम बुराड़ी इलाके के सत्संग ग्राउंड नंबर 8 में होना तय हुआ है.
क्या इस दिन रविवार 11 दिसम्बर को दिल्ली और ग्रेटर दिल्ली की किसी भी ब्रांच में सत्संग का कोई भी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा ?
नहीं इस दिन रविवार11 दिसम्बर को दिल्ली और ग्रेटर दिल्ली की किसी भी ब्रांच में सत्संग का कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. | Nirankari Satsang Delhi Live
दिन रविवार 11 दिसम्बर को निरंकारी सत्संग ग्राउंड नंबर 8 में जाने के लिए सबसे उत्तम रास्ता कौन सा बेहतर रहेगा ? | Nirankari Satsang Delhi Live
दिन रविवार 11 दिसम्बर को निरंकारी सत्संग ग्राउंड नंबर 8 में जाने के लिए समस्त साध संगत के लिए दिल्ली के जगतपुर वाले फ्लाईओवर से अंदर वाले रोड से आकर फिर निरंकारी सत्संग राउंड नंबर 8 तक जाने वाले रास्ते तक आने वाला रास्ता ही बेहतर रहेगा. | Nirankari Satsang Delhi Live
When and on which day is the Nirankari Satsang held in Delhi?
Nirankari Satsang Day in Delhi is on Sunday, 11th of December. | Nirankari Satsang Delhi Live
How is the timing of Nirankari Satsang program in Delhi?
The timing of Nirankari Satsang in Delhi is from 11:00 am to 2:30 pm. | Nirankari Satsang Delhi Live
Where and at which ground is the Nirankari Satsang program to be held in Delhi?
Nirankari Satsang program in Delhi has been decided to be held at Satsang Ground No. 8 of Burari area. Nirankari Satsang Delhi Live
Will any program of satsang be organized in any branch of Delhi and Greater Delhi on this day, Sunday 11th December?
No, on this Sunday, no programme of satsang will be organized in any branch of Delhi and Greater Delhi. | Nirankari Satsang Delhi Live
Which is the best way to go to Nirankari Satsang Ground No. 8 on Sunday, 11th December?
To go to Nirankari Satsang Ground No. 8, it would be better for all the Sadh Sangat to come from Delhi’s Jagatpur flyover, from the inner road and then till the road leading to Nirankari Satsang Round No. 8. | Nirankari Satsang Delhi Live
धन निरंकार जी संतो, आप सभी को यह जानकर बहुत ही प्रसन्नता होगी कि Satguru Mata Sudiksha Jiसतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एक बार फिर से हम सभी की झोलियों में अपनी रहमतों की बरसात करने के लिए राजस्थान के विभिन्न शहरों में उत्सुक साध-संगत और मानव जाति का कल्याण करने आ रहे हैं .
Dhan Nirankar Ji Santo, You all will be very happy to know that Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj is once again in different cities of Rajasthan to shower her blessings and welfare of mankind. are coming to do. Satguru Mata Sudiksha Ji Tour Rajasthan India 2022 | सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की राजस्थान कल्याण यात्रा 2022 | Sant Nirankari Mission
आप सभी को यह जानकर और भी अधिक खुशी होगी कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की रहमतों की यह बरसात की लड़ी राजस्थान Satguru Mata Sudiksha Ji Tour Rajasthan के अलग-अलग शहरों में दिसंबर 2022 की दिनांक 12 से 16 तारीख तक लगातार 5 दिनों तक चलेगी. चलिए आइए अब जान लेते हैं कि यह रहमतों की लड़ी कौन-कौन से दिन और कहां-कहां चलेगी.
All of you will be even more happy to know that this rainy season of blessings of Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj will continue for 5 consecutive days from 12th to 16th of December 2022 in different cities of Rajasthan. Let us now know that on which days and where will this battle of mercy go on. Nirankari Rehmatein Youtube@nirankarirehmatein | #nirankarirehmatein
Nirankari Satsang Programme Paota Rajasthan | निरंकारी सत्संग पावटा राजस्थान
सबसे पहले दिनांक 12 दिसंबर 2022 को सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की हजूरी में राजस्थान के शहर पावटाSatguru Mata Sudiksha Ji Tour Rajasthan India में सत्संग कार्यक्रम चलेगा जिसका समय भारतीय समय अनुसार सुबह के 11:00 बजे से लेकर दोपहर के 2:00 बजे तक चलेगा जिसमें आसपास के इलाकों से बढ़ चढ़कर साध संगत सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लेगी और सद्गुरुSatguru Mata Sudiksha Ji के आशीर्वाद का पात्र बनेगी. Nirankari Live Paota | Nirankari Vichar Paota Rajasthan Today
Nirankari Satsang Programme Bundi Rajasthan | निरंकारी सत्संग बूंदी राजस्थान
फिर इसके बाद दूसरे दिन दिनांक 13 दिसंबर 2022 को इसी तरह यह सत्संग कार्यक्रम Satguru Mata Sudiksha Ji राजस्थान के बूंदी शहर में वही भारतीय समय अनुसार सुबह 11:00 बजे से लेकर दोपहर के 2:00 बजे तक चलेगा जिसमें सतगुरु माता जी अपनी रहमतों का खजाना बूंदी शहर की साध संगत की झोलियों में लुटाएंगे और सत्संग कार्यक्रम में आए महापुरुष, सन्तजन अपने गीतों, भजनों, कविताओं, रचनाओं और अपने विचारों के द्वारा इस सत्संग कार्यक्रम को सतगुरु माता सुदीक्षा जी के आदेशों पर चलने तथा उनकी शिक्षाओं का जिक्र करते हुए प्रेरणादायक प्रस्तुतियों द्वारा सत्संग कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे. Nirankari Live Bundi | Nirankari Vichar Bundi Rajasthan Today
Nirankari Satsang Programme Tonk Rajasthan | निरंकारी सत्संग टोंक राजस्थान
इसी तरह तीसरे दिन भी दिनांक 14 दिसंबर 2022 को राजस्थान के टोंक शहर में इस विशाल सत्संग कार्यक्रम का आयोजन Satguru Mata Sudiksha Jiसतगुरु माता सुदीक्षा जी की रहनुमाई में होगा जिसमें बहुत विशाल संख्या में साध संगत सत्संग प्रोग्राम में पहुंचकर अपनी शिरकत करेंगे और सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की रहमतों से अपने जीवन का उद्धार करेंगे. Nirankari Live Tonk | Nirankari Vichar Tonk Rajasthan Today
Nirankari Satsang Programme Ajmer Rajasthan | निरंकारी सत्संग अजमेर राजस्थान
फिर इसी तरह चौथे दिन Satguru Mata Sudiksha Jiसतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की रहमतों की इस लड़ी में दिनांक 15 दिसंबर 2022 को राजस्थान के अजमेर शहर में विशाल सत्संग कार्यक्रम संपन्न होने जा रहा है इसका समय भी भारतीय समय अनुसार सुबह 11:00 बजे से लेकर दोपहर के 2:00 बजे तक रहेगा. इस विशाल सत्संग कार्यक्रम में भी राजस्थान के अजमेर शहर में बढ़ चढ़कर गुरु की प्यारी साध संगत बढ़ चढ़कर हिस्सा लेगी और सद्गुरु के साकार दर्शनों से अपने जीवन Nirankari Live Rajasthan को धन्य करेगी. Nirankari Live Ajmer | Nirankari Live Ajmer Rajasthan
Nirankari Satsang Programme Jhunjhunu Rajasthan | निरंकारी सत्संग झुंझुनू राजस्थान
फिर इसी तरह से अंत में पांचवें दिन, दिसंबर 2022 की आने वाली 16 तारीख को Satguru Mata Sudiksha Jiसतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की यह रहमतों की बरसातराजस्थान के झुंझुनू शहर में होगी जिसमें संत निरंकारी मिशन के अनुयायी और आसपास के इलाकों से आए हुए श्रद्धालु की सतगुरु माता जी की रहमतों Nirankari Live Jhunjhunu Rajasthan | Nirankari Live Today के पात्र बनेंगे. Nirankari Vichar Jhunjhunu Rajasthan Today
धन निरंकार जी संतो ! सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की रहमतों की लड़ी में 75 वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम की समालखा, हरियाणा में बहुत ही स्वर्गमयी सम्पन्नता के बाद दिसम्बर महीने में आने वाली 11 तारीख, दिन रविवार को एक बार फिर से हमारे दिलों के प्यारे सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की हुजूरी में दिल्ली के बुराड़ी सत्संग में विशाल सत्संग होने जा रहा है जिसमें दिल्ली और ग्रेटर दिल्ली से आने वाली साध संगत सतगुरु माता जी की रहमतों की पात्र बनेगी . Nirankari Satsang Delhi | Sant Nirankari Mission निरंकारी सत्संग दिल्ली
Nirankari Satsang Delhi Today | Nirankari Live Today
दिनांक 11 दिसम्बर 2022 को दिल्ली के बुराड़ी सत्संग ग्राउंड में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की हुजूरी में होने वाले इस विशाल सत्संग जिसमें दिल्ली और ग्रेटर दिल्ली से आने वाली साध संगतें शामिल होंगी और इस सत्संग कार्यक्रम का समय सुबह 11:00 बजे से दोपहर के 02:30 बजे तक होगा . आप सभी सन्तजनों महापुरुषों से अनुरोध है कि आप सभी यह सूचना दिल्ली और ग्रेटर दिल्ली के सभी सम्बंधित महापुरुषों तक पहुँचा दें ताकि सभी के हिस्से में सतगुरु माता जी की रहमतें पहुँच सकें . Nirankari Satsang Delhi | Nirankari Rehmatein निरंकारी सत्संग दिल्लीNirankari Live
धन निरंकार जी संतो ! 75th Nirankari Sant Samagam | 75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम | संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा, हरियाणा में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की दिव्य उपस्थिति में आयोजित होने वाले 75 वें वार्षिक निरंकारी संत समागम की अनुसूची निम्नलिखित इस प्रकार से है जी . Dhan Nirankar Ji Saints ! The Schedule of the 75th Annual Nirankari Sant Samagam to be held in the divine presence of Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj at Sant Nirankari Adhyatmik Sthal, Samalkha, Haryana. The details are given below ji.
75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम प्रथम दिन | 75th Nirankari Sant Samagam Day 1 | संत निरंकारी सेवादल द्वारा रैली व भक्तिमय प्रस्तुति | Rally and Devotional presentations by Sant Nirankari Sewadal
75th Nirankari Sant Samagamनिरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की असीम कृपा से इस वर्ष 2022 में 75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम जो कि सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा, हरियाणा में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की दिव्य उपस्थिति में आयोजित होने जा रहा है और यह निरंकारी सन्त समागम इस वर्ष पूरे एक सप्ताह तक चलेगा जिसमें दिनांक 16 नवम्बर 2022 को समागम के पहले दिन सन्त निरंकारी सेवादल द्वारा एक विशाल भक्तिमयी सेवादल रैली होगी
जिसमें सम्पूर्ण विश्व से बहुत भारी मात्रा में बहुत ही मर्यादित तरीके से सतगुरु जी की सिखलाई अनुसार, श्रद्धालु सेवादार सुव्यवस्थित ढंग से शानदार सन्त निरंकारी मिशन की सिखलाइयों और सेवा का अनुसरन करते हुए भक्तिमय प्रस्तुति करेंगे जो कि किसी स्वर्गीय नज़ारे से कम नहीं होगा और सभी सेवादारों की झोलियों में सतगुरु माता जी के आशिर्वादों और रहमतों की बरसात होगी जो कि सम्पूर्ण विश्व को एक बहुत बड़ा मानवता और भाईचारे का सन्देश देगा जिसका समय भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजे से रात्रि की 8 बजे तक का होगा और रात्रि के 8 बजे से सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी के प्रवचनों का आशिर्वाद भी प्राप्त होगा .
75th Nirankari Sant Samagam
सत्संग कार्यक्रम का दूसरा दिन Satsang Programme Day 2
75th Nirankari Sant Samagam75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के दूसरे दिन सत्संग कार्यक्रम चलेगा जिसका समय भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजे से रात्रि की 8 बजे तक का होगा और रात्रि के 8 बजे से सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी के प्रवचनों का आशिर्वाद भी प्राप्त होगा .
75th Nirankari Sant Samagam75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम
सत्संग कार्यक्रम का तीसरा दिन Satsang Programme Day 3
75th Nirankari Sant Samagam75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के तीसरे दिन सत्संग कार्यक्रम चलेगा जिसका समय भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजे से रात्रि की 8 बजे तक का होगा और रात्रि के 8 बजे से सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी के प्रवचनों का आशिर्वाद भी प्राप्त होगा .
सत्संग कार्यक्रम का चतुर्थ दिन Satsang Programme Day 4
75th Nirankari Sant Samagam75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के चतुर्थ दिन भी सत्संग कार्यक्रम चलेगा जिसका समय भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजे से रात्रि की 8 बजे तक का होगा और रात्रि के 8 बजे से सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी के प्रवचनों का आशिर्वाद भी प्राप्त होगा .
सत्संग कार्यक्रम का पाँचवाँ दिन Satsang Programme Day 5
75th Nirankari Sant Samagam75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के पांचवें दिन भी सत्संग कार्यक्रम चलेगा जिसका समय भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजे से रात्रि की 8 बजे तक का होगा और रात्रि के 8 बजे से सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी के प्रवचनों का आशिर्वाद भी प्राप्त होगा .
75th Nirankari Sant Samagam75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम
शोभा यात्रा छठा दिन Shobha Yatra Day 6
75th Nirankari Sant Samagam75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के छठे दिन सुबह जल्दी प्रातः काल भव्य शोभा यात्रा, जो कि सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा, हरियाणा समागम ग्राउंड में निकलेगी जिसमें सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज समस्त साध संगत को अपनी रहमतों से मालामाल करेंगे .
गुरु वन्दना सातवाँ दिन Guru Vandana Day 7
75th Nirankari Sant Samagam75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के सातवें दिन सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा, हरियाणा में ही गुरु वन्दना का रंगारंग कार्यक्रम चलेगा जिसमें सतगुरु माता अर्थात गुरु की वन्दना का आयोजन होगा और साथ ही सतगुरु माता जी अपने आशिर्वादों से समस्त साध संगतों की झोलियाँ भर देंगे जिसका समय भारतीय समय के अनुसार शामके 5 बजे से रात्रि तक चलेगा .
75th Nirankari Sant Samagam75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम
75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम कब से शुरू हो रहा है ?
75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम दिनांक 16 नवम्बर 2022 से शुरू हो रहा है .
75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम शोभा यात्रा कब है ?
75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम शोभा यात्रा समागम के छठे दिन दिनांक 21 नवम्बर 2022 को है .
75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम गुरु वन्दना कब है ?
75वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम गुरु वन्दना समागम के सातवें दिन दिनांक 22 नवम्बर 2022 को है .
Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी – Nirankari Rehmatein
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी का जन्म The Date of Birth of Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari
श्री बाऊ महादेव सिंह जी Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari का जन्म दिनांक 22 फरवरी सन 1919 को, गाँव चक्कबेलीखान, जिला चकवाल पाकिस्तान (भारत विभाजन से पहले) में हुआ . Shri Bau Mahadev Singh ji was born on 22 February 1919 in village Chakkabelikhan, District Chakwal Pakistan (before partition of India).
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी के पिता Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari’s father’s name
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी के पिता का नाम श्री गुरदित्त सिंह जी था . Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari’s father’s name was Shri Gurditt Singh Ji.
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी की माता Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari’s mother’s name
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी की माता जी का नाम श्रीमती लक्ष्मी देवी जी था . Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari’s mother’s name was Smt. Lakshmi Devi.
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी की पत्नी Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari’s wife’s name
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी की पत्नी का नाम श्रीमती आज्ञा कौर जी था . Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari’s wife’s name was Smt. Agya Kaur Ji.
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी के भाई The name of brother of Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari Ji
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी के भाई का नाम भाईसाहब बलदेव सिंह जी था . The name of brother of Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari Ji was Bhaisaheb Baldev Singh Ji.
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी की बहन The name of sister of Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari Ji
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी की बहन का नाम आदरणीय अमर कौर जी था . The name of sister of Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari Ji was respected Amar Kaur Ji.
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी की शिक्षा Education of Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari
सन्त बाऊ महादेव सिंह जी उस पुरातन समय के हिसाब से बहुत ही ज्यादा पढ़े लिखे थे . उनकी शुरुआती पढाई की शुरुआत गाँव चक्कबेलीखान से हुई थी और फिर उनकी माध्यमिक शिक्षा पाकिस्तान के सयीद शहर से पूर्ण हुई थी . उस समय गाँव में सभी लोग उन्हें बाऊ जी कहकर संबोधित करने लग गये थे क्योंकि वे पढ़े लिखे थे . तभी उसी युग से निरंकारी समाज में वे ” बाऊ ” जी के नाम से विख्यात हो गए थे. बाऊ को पंजाबी की भाषा में बाबू के नाम से सम्बोधित किया जाता है और इसी वजह से युगपुरुष बाबा अवतार सिंह जी महाराज और बाबा गुरबचन सिंह जी तथा निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी भी उन्हें बाऊ जी के नाम से ही पुकारा करते थे / संबोधित करते थे . उस पुरातन समय में जब प्रचारक महात्माओं की प्रचार की यात्रा शुरू हुई तो सबसे पहले प्रचार की यात्रा बाऊ महादेव सिंह जी के द्वारा ही प्रारम्भ हुई थी . Sant Bau Mahadev Singh ji was very educated according to that ancient time. His early education was started from village Chakkabelikhan and then his secondary education was completed from Sayeed city of Pakistan. At that time everyone in the village started addressing him as Bau ji because he was educated. That’s when he became famous in the Nirankari society by the name of “Bau” ji. Bau is addressed by the name of Babu in Punjabi language and that is why Yugpurush Baba Avtar Singh Ji Maharaj and Baba Gurbachan Singh Ji and Nirankari Baba Hardev Singh Ji also used to call him by the name of Bau Ji. . In that ancient time, when the prachar journey of Mahatmas started, the first campaign was started by Bau Mahadev Singh Ji.
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी का कार्यक्षेत्र Workplace of Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari Ji
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी का अपना खुद का इंडो ट्रेडिंग कंपनी के नाम से स्पयेर पार्ट्स ( पुर्जों ) का बिजनस था . Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari Ji had his own business of spare parts in the name of Indo Trading Company.
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी के गुरु Guru of Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी के गुरु परम सत्कार योग निरंकारी बाबा बूटा सिंह जी थे जिन्होंने सन 1929 में सन्त निरंकारी मिशन की नींव रखी थी . The Guru of Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari Ji was Param Satkar Yog Nirankari Baba Buta Singh Ji who had laid the foundation of Sant Nirankari Mission in the year 1929.
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी ब्रह्मलीन Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari Ji Brahmalin
श्री बाऊ महादेव सिंह जी निरंकारी जी दिनांक 26 जून 1994 को दिल्ली ( भारत ) में ब्रह्मलीन हो गये थे . Shri Bau Mahadev Singh Ji Nirankari Ji had become Brahmlin on 26 June 1994 in Delhi (India).
The foundation of Sant Nirankari Mission dates back to 1929 in the town of Peshawar (now Pakistan) where Satguru Baba Buta Singh Ji took upon the onerous task of spreading the message Truth.
Nirankari Baba Avtar Singh Ji
His devoted disciple, Bhai Sahib Avtar Singh Ji, worked with him tirelessly to ensure that t light of Truth reaches to the maximum people possible.
Baba Buta Singh Ji declared Bhai Sahib Avtar Singh Ji the Torchbearer of the Mission
In 1943, Baba Buta Singh Ji declared Bhai Sahib Avtar Singh Ji the Torchbearer of the Mission before immersing in Nirankar.
In 1947, after t partition of the country, Baba Avtar Singh Ji came to Delhi (India).
Nirankari Baba Gurbachan Singh Ji
Baba Avtar Singh Ji set a unique example by handing over the reins of the Mission to Baba Gurbachan Singh Ji
In the year 1962, Baba Avtar Singh Ji set a unique example by handing over the reins of the Mission to Baba Gurbachan Singh Ji and became a disciple again. Regardless of the enormous hurdles, true to his nature, Baba Gurbachan Singh Ji left no stone unturned in promoting the message of the Truth, not just in India but in many other countries as well.
Nirankari Baba Hardev Singh Ji
Baba Gurbachan Singh ji appointed Baba Hardev Singh Ji as the Satguru of the Mission
On 24 April 1980, while breathing his last, he appointed Baba Hardev Singh Ji as the Satguru of the Mission. Baba Hardev Singh Ji put in 36 years of relentless toil, travelling length and breadth of India and many countries abroad awakening mankind to achieve the ever-eminent task of Self-Realisation through God-Realisation. He renounced his mortal form on 13 May 2016 in Montreal (Canada).
Nirankari Satguru Mata Savinder Hardev Ji
Satguru Mata Savinder Hardev Ji
Thereafter, Satguru Mata Savinder Hardev Ji took over the mantle of the Spiritual Head of the Sant Nirankari Mission. She had already been serving mankind for 36 years in association with Baba Hardev Singh Ji as his life-companion. Despite the seemingly impossible health condition, Satguru Mata Savinder Hardev Ji, symbolizing the glory of a Lighthouse, worked for over two years further strengthening the Mission’s message in the world.
Mata Savinder ji announced Holy Sister Sudiksha ji to lead the Sant Nirankari Mission thereafter
Anticipating end of her mortal journey, in July 2018, she announced Holy Sister Sudiksha ji to lead the Sant Nirankari Mission thereafter. Ever since then, Satguru Mata Sudiksha ji Maharaj is giving her every moment towards awakening the spiritual prowess inherent in every human being.
Nirankari Rehmatein | जीवन का असली मतलब क्या है ? | निरंकारी विचार | निरंकारी रहमतें
She even revamped the Nirankari Youth Forum with special focus on youth to channelize their energy with wisdom of the elderly.
Even in today’s times of global pandemic, she is relentlessly bolstering the otherwise fragile humanity with ever-so important practical spirituality.
सन्त निरंकारी Sant Nirankari चैरिटेबल फाउंडेशन की स्थापना कब हुई ?
निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी ने निःस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा के लिए वर्ष 2010 में सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन की स्थापना की।
सामाजिक कल्याण की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर सेवाएं
सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन Sant Nirankari Charitable Foundation जाति, धर्म, रंग, नस्ल, संस्कृति और राष्ट्रीयता के भेदभाव से ऊपर उठकर सामाजिक कल्याण की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर सेवाएं अर्पित कर रहा है।
जीवन का अर्थ तभी है अगर यह दूसरों के लिए जिया जाता है
आध्यात्मिक जागृति के प्रति प्रतिबद्धता के साथ-साथ सन्त निरंकारी मिशन इस आदर्श वाक्य को मूर्त रूप देता है कि ‘जीवन का अर्थ तभी है अगर यह दूसरों के लिए जिया जाता है
मिशन द्वारा सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन का निर्माण स्वास्थ्य, शिक्षा और मानव उत्थान (Heal, Enrich and Empowerment) के क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।
Nirankari Rehmatein | Nirankari Bhajan New 2022
सामाजिक कल्याण में सकारात्मक योगदान
सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन बेरोजगार युवाओं के कौशल विकास के लिए विभिन्न विशेष केंद्र चलाने के अलावा सामाजिक कल्याण इकाइयों में शिक्षण संस्थान जैसे पब्लिक स्कूल, पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज आदि के माध्यम से समाज में सकारात्मक योगदान दे रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न धर्मार्थ अस्पताल और औषधालय
इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न धर्मार्थ अस्पताल और औषधालय भी चलाए जा रहे हैं।
निरंकारी हेल्थ सिटी Nirankari Health City की विशेष परियोजना
सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन उत्तरी दिल्ली में निरंकारी हेल्थ सिटी की विशेष परियोजना पर भी तेजी से कार्य कर रहा है।
प्राकृतिक आपदाओं में तत्काल मदद
फाउंडेशन, समाज के असहाय और जरूरतमंद लोगों के उत्थान में योगदान के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं बाढ़, भूकम्प आदि के अवसर पर पीड़ितों को तत्काल मदद पहुँचाने में भी कार्यरत है।
रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं
रक्त के अभाव की पूर्ति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सन् 1986 में सत्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी और उनकी धर्म पत्नी पूज्य माता सविन्दर जी द्वारा व्यक्तिगत रूप से रक्तदान करने के साथ रक्तदान शिविर आरम्भ किए गए निरंकारी बाबा जी के कथन के अनुरूप कि- रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं इसी को ध्यान में रखते हुए निरंकारी रक्तदान शिविरों की श्रृंखला शुरू हुई जिसमें स्वैच्छिक रूप से रक्तदान किया जाता है। और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी बहुत सराहना की गई। 5 सितम्बर 2021 तक मिशन द्वारा भारत में 6852 राष्ट्रीय रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 11,45,292 यूनिट रक्तदान किया गया।
कोविड महामारी के दौरान सहायता
वर्तमान कोविड महामारी के दौरान भी मिशन दुनिया भर में सभी प्रभावित भाई-बहनों की सहायतार्थ आगे आया है। सन्त निरंकारी मिशन ने प्रधानमंत्री राहत कोष के साथ-साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री राहत कोष में भी। आर्थिक योगदान दिया। लाखो जरूरतमंद परिवारों को लंगर बनाकर परोसने के साथ-साथ लाखों राशन किट भी बांटे गये।
स्वच्छता अभियान मुफ्त पी.पी.ई. किट, कोरेन्टाइन के लिए निरंकारी सत्संग भवनों को उपलब्ध कराना
स्वच्छता अभियान मुफ्त पी.पी.ई. किट, कोरेन्टाइन के लिए निरंकारी सत्संग भवनों को उपलब्ध कराना, टीकाकरण, रक्तदान अभियान आदि से मिशन ने नर सेवा नारायण पूजा का सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत किया है।
पीने और सिंचाई हेतु जल
सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन Sant Nirankari Charitable Foundation ने महाराष्ट्र के तलासरी के आदिवासी क्षेत्र में पीने और सिंचाई हेतु जल उपलब्धता सुनिश्चित कराने के अलावा
तीन गांवों को उनके सर्वांगीण विकास हेतु गोद
हरियाणा के तीन गांवों को उनके सर्वांगीण विकास हेतु गोद लिया है।
मिशन के स्वयंसेवक मानवता की अनथक सेवा कर रहे हैं
आज सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के मार्गदर्शन में मिशन के स्वयंसेवक मानवता की अनथक सेवा कर रहे हैं ।
Nirankari Vichar Satguru Baba Hardev Singh Ji Maharaj | Nirankari Rehmatein
साध संगत जी प्रेम से कहना धन निरंकार जी
साध संगत जी प्रेम से कहना धन निरंकार जी साध संगत Nirankari Vichar Satguru Baba Hardev Singh Jiनिरंकारी मिशन एक अरसे के बाद फिर से आज यहाँ जोधपुर आने का मौका मिला है। जहाँ आकर आप सभी के इस विशाल रूप में दर्शन करने का मौका मिल रहा है, जिस वातावरण को देखने की चायना दुनिया के मन में होती है, प्यार के मधुर तराने गाये जाये और सुने जाये उसी प्यार की महक में जीवन की घड़िया बिताई जाये ऐसी भावना लिए हुए आज आप यहाँ एकत्रित हुए है। राजस्थान में अक्टूबर में सीकर, चुरू यहाँ सत्संग करने का मौका मिला फिर समागम के बाद जयपुर आदि स्थान वे जाने का मौका मिला और अभी इस यात्रा का जोधपुर पहला ही पड़ाव।
जहाँ आप पारिवारिक सामाजिक जिम्मेदारियों निभाते है वही पर आधार निराकार को बनातें है, सच्चा आधार यही है और इसी रौशनी में सफर तय करने वाले अपने लिए भी और संसार के लिए भी वरदान साबित होते है।
आज भी हम संतो का नाम श्रद्धा के साथ लेते है।
आज भी हम संतो का नाम श्रद्धा के साथ लेते है जिन्होंने सत्य को आधार बनाया, Nirankari Vichar Satguru Baba Hardev Singh Ji सच्च का वनज किया, चाहे वो किसी भी युग में हुए, बालपन, जवान या बुजुर्ग थे चाहे किसी राज्य के राजा के रूप में थे या कोई मेहनत मुशक्क्त करने वाले थे । आज कल राम नवमी के दिन है वही राजा जनक का भी जिक्र आ रहा है, दुनियावी ताकद होने के बावजूद उन्होंने आधार सत्य का ही लिया और दुनिया में भी ऐसे उदाहरण देखने को मिलतें है जो संसार में रहते हुए संसार में गलतान नही हुए, उन्होंने सत्य के सामान किसी दुनिया और अन्य ताकद को विशेषता नही दी।
इस संसार में हमारी प्राथमिकता क्या है?
इस संसार में हमारी प्राथमिकता क्या है? जीवन में हमें चयन करने की आजादी दी गयी और हमने चयन क्या किया उस से ही इंसान का म्यार- कद पता चलता है, एक प्यार, निष्काम भाव को चुनता है और दूसरा अहम अभिमान को चुनता है और जिसने जो चुना उसी के अंतर्गत ही उसका जीवन बनता गया। एक तरने और तारने वाला बन गया, और दूसरी तरफ डूबने का समान इकट्ठा किया गया और संसार में अब उसका नाम लेने वाला कोई बचा नही।
इस पैगाम की हर युग में महत्ता रही।
इस पैगाम की हर युग में महत्ता रही,जैसे सूर्य की एहमियत किसी युग में कम नही हुई, किसी देश में कम नही हुई और देखा जाये तो सूर्य इस परमात्मा की रचना है, कादर की कुदरत का हिस्सा यह सारा विश्व है और अगर कादर की बनाई कुदरत का महत्व हर युग में है तो कादर की महत्ता नही है क्या?
संसार इस सन्देश से कितना लाभ ले रहा है ?
लेकिन इस संसार सन्देश से कितना लाभ ले रहा है, सूरज की रौशनी का फायदा उसे नही जो चादर ओढ़े सो रहा है, वैसे ही संसार इस सन्देश की तरफ अनदेखी करता है, दोनो ही पहलू संसार में देखने को मिलते है, सतयुग में भक्त प्रल्हाद जो उजाले को महत्ता देता है, और दूसरी तरफ हिरण्यकश्यप जैसे अंधकार को महत्व देते है, ऐसे अनेक पात्र हमें त्रेता में भी देखने को मिल जातें है रावण के रूप में। हर युग में ऐसे रूप हमें देखने को मिल जातें है। आज भी कलयुग में एक वो है जो इंसानियत में यकीन रखते है, इंसानियत को मजबूत करने में योगदान देते है, और वो भी है जो चारो तरफ बर्बाद करने में लगे हुए है, ऐसे भी है जो अपने आप को कड़कती धुप में रहेंगे वृक्ष की तरह जो दुसरो को छाया प्रदान करतें है।
महत्ता उन्ही की जिन्होंने सत्य को चुना।
कांटे और फूल दोनों इस संसार में रहे लेकिन महत्ता उन्ही की जिन्होंने सत्य को चुना वो ही ऊँची अवस्था में जीते चले गए। आज बच्चे भी कह रहे है जो सत्य काल के अधीन नही, जैसे मौसम में बदलाव आता है, जहा आज कल यहाँ गर्मी है तो दुनिया के किसी कोने में बर्फ पड़ रही है, जीवनमें भी बालपन से लेकर बुढ़ापा यह बदलता रहता है, लेकिन सत्य हर समय हर जगह पूरा है, जल में थल मैं कण कण में विराजमान है, जो सत्य के साथ जुड़ता है वह स्वर्ग बनाने का कारण बनता है लेकिन झूठ के साथ जुड़कर इंसान इस संसार को दोजख बना रहा है,जो इंसान से जो उम्मीद की जा सकती है वह पशुओ से नही की जा सकती, इंसानी योनि जिसमें सबसे अधिक सोचने की समझने की ताकद दी लेकिन यही कदम कदम पर गिरता है, डूबने के सामान पैदा करता है, इस तरह के प्रमाण इंसान देता चला आ रहा है। इसलिए संत इंसान को सुचेत करते है की उस रस्ते पे मत चल जिस और चलने से तुझे शर्मिदगी उठानी पड़ेगी, बोझ से निजात पाने का यह वक्त है। जिन्होंने सत्य को अपना लिया, Nirankari Vichar वही विवेकी जन साबित हुए, इसी लिए संतो की संगती करने को कहा गया, खोजना है तो सत्य को नही, ब्रम्हज्ञानी को खोजो जिनसे यह राह आसान हो जाती है। जिनको ब्रम्हज्ञानी का संग मिल जाता है फिर जैसे यह सत्य मीराबाई जी को गुरु रविदास जी के चरणों में जा कर प्राप्त हुआ, ऐसी ही दौलत के भागीदार हर कोई बने यह संदेश संत दे रहे है।
यह आवाज केवल कानो तक सिमित ना रह जाए।
यह आवाज केवल कानो तक सिमित ना रह जय, दुनिया की निंदा सुना अनसुना करना बेहतर है, उनको सुन के धारण करके अपने पैरो पर कुरहाडी न मारें इस से बेहतर उसे सुना अनसुना करदे लेकिन महापुरुषों के वचन सुनने ही नही बल्कि उनका मनन भी करने वाले ही दोनों जहानों की बाजी जितने वाले बन जातें है।
दातार कृपा करें सभी इस से लाभ उठाये। इस वर्ष का आगमन राजस्थान की तरह ही रेतीले इलाके में हुआ, दास उस वक्त दुबई में था और देखने को मिला रेतीले इलाके में भी हरियाली छा जाते है तो कितना अच्छा लगता है, वैसे ही सत्य को धारण करने से सुंदरता निखरती, वह सुंदरता सीरत की है भावना की है, सभी यही सुंदरता बढ़ाते जाये।
और आज जैसे जोधपुर में आने का अवसर बना है ऐसे अवसर बनते चले जाये, भक्ति वाले भाव देखने के मौके बनते चले जाये, इसी भावना के साथ दास आपसे इजाजत चाहेगा
Sant Nirankari Mission History सन्त निरंकारी मिशन का संक्षिप्त इतिहास
Sant Nirankari Mission History सन्त निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में पेशावर (वर्तमान पाकिस्तान) में हुई थी, जहां सत्गुरु बाबा बूटा सिंह जी ने ब्रह्मज्ञान की दात देकर जिज्ञासुओं को इस निरंकार परमात्मा से साक्षात्कार कराया। उनके समर्पित शिष्य भाई साहब अवतार सिंह जी ने इस परमार्थ के कार्य में पूर्ण सहयोग दिया। सत्य का प्रकाश विश्व के अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके, इसके लिए निरंकार में लीन होने से पूर्व, 1943 में बाबा बूटा सिंह जी ने भाई साहब अवतार सिंह जी को मिशन का उत्तराधिकारी घोषित किया ।
वर्ष 1947 में देश के विभाजन के बाद बाबा अवतार सिंह जी दिल्ली (भारत) आ गए। वर्ष 1962 में बाबा अवतार सिंह जी ने मिशन की बागडोर बाबा गुरबचन सिंह जी को सौंप दी और स्वयं गुरसिख बन कर एक अनूठी मिसाल कायम की। न केवल भारत में, बल्कि कई अन्य देशों में भी बाबा गुरबचन सिंह जी ने सत्य के संदेश को फैलाने में दिन रात एक कर दिया और इस मार्ग में आई सभी बाधाओं का भी सामना किया। Sant Nirankari Mission History
https://www.youtube.com/watch?v=Ka4lUkxRess
Nirankari Live Today 2022 | Nirankari Rehmatein | Nirankari Bhajan 2022 New | History of Sant Nirankari Mission
24 अप्रैल, 1980 को अंतिम स्वास लेने से पूर्व बाबा गुरबचन सिंह जी ने बाबा हरदेव सिंह जी को मिशनSant Nirankari Mission की बागडोर सौंपी। बाबा हरदेव सिंह जी ने ईश्वरानुभूति द्वारा आत्मानुभूति मानव जीवन के परम लक्ष्य के प्रति सम्पूर्ण मानव जाति को जागृत करने के लिए 36 वर्षों तक अनथक कार्य किया। इसी उद्देश्य से उन्होंने सम्पूर्ण भारत सहित अनेक देशों में कल्याण यात्राएं की।
13 मई, 2016 को मॉन्ट्रियल (कनाडा) में उन्होंने अपना नश्वर शरीर त्याग दिया। तत्पश्चात् सत्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी ने सन्त निरंकारी मिशन की बागडोर सम्भाली। वे पूर्व से ही बाबा हरदेव सिंह जी की जीवन संगिनी के रूप में 36 वर्षों से मानव जाति की सेवा कर रहे थे। अपने निरन्तर बिगड़ते स्वास्थ्य के बावजूद रोशन मीनार की भांति सत्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी ने दो वर्षों से अधिक समय तक दुनिया में मिशन के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया। अपने निरन्तर बिगड़ते हुए स्वास्थ्य को देखते हुए उन्होंने जुलाई 2018 में बहन सुदीक्षा जी को सन्त निरंकारी मिशन की बागडोर सौंपने की घोषणा की।
तत्पश्चात सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज, मानव मात्र में विद्यमान आध्यात्मिक शक्ति को जगाने की दिशा में अपने जीवन का हर पल समर्पित कर रहे हैं। सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने ‘निरंकारी यूथ फोरम’ को नया रूप दिया, जिसमें युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया ताकि युवाओं के जोश का बुजुर्गों के होश के साथ भरपूर उपयोग किया जा सके। वैश्विक कोरोना महामारी के इस समय में भी मानवता को मजबूती प्रदान करने के लिए, सतगुरु माता जी व्यावहारिक आध्यात्मिकता को अपनाकर जीवन जीने का ढंग सिखा रहे हैं।
Nirankari Rehmatein ब्रह्मज्ञान ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति से प्रभु का दीदार
ईश्वर का ज्ञान अर्थात् ब्रह्मज्ञान सर्वश्रेष्ठ ज्ञान है। Nirankari Rehmatein मानव का शरीर पाकर भी परमात्मा से अनभिज्ञ रहना वास्तव में मानव का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है।
परमात्मा के अनगिनत गुण हैं, इसे इसके गुणों के आधार पर सर्वव्यापी, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, शाश्वत, असीम, निराकार आदि नामों से पुकारा जाता है।
चूंकि इसका कोई रंग, रूप, आकार नहीं है, इसलिए इन गुणों के कारण निरंकारी जगत में ईश्वर को निरंकार प्रभु के नाम से पुकारा जाता है।
निरंकारी रहमतें भजन | Niirankari Bhajan New 2022 | Nirankari Rehmatein | Nirankari Live Today
सन्त निरंकारी मिशन न केवल ईश्वर के इन गुणों का उल्लेख करता है बल्कि जिज्ञासु को ईश्वर का साक्षात्कार भी कराता है।
यद्यपि परमात्मा हर जगह है फिर भी इस तक पहुंचना मानवीय प्रयासों की पहुंच से परे है, केवल पूर्ण सतगुरु द्वारा ही जिज्ञासु के लिए सर्वव्यापी ईश्वर को जानना और महसूस करना संभव हो पाता है। Nirankari Rehmatein
पूर्ण सतगुरु द्वारा प्रदान किया गया दिव्य ज्ञान जिज्ञासु को सहज जीवन जीने का ढंग सिखाता है तथा मुक्ति का मार्ग दिखाता है।
आज समय के रहबर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराजNirankari Rehmatein ब्रह्मज्ञान की दात बक्श कर परमपिता परमात्मा के दर्शन कराके पूरे विश्व का कल्याण कर रहे हैं । इन्सान को इन्सान से जोड़ कर विश्व बन्धुत्व स्थापित करते हुए सभी का लोक सुखी और परलोक सुहेला कर रहे हैं ।
Sant Nirankari Mission Kya Hai ? सन्त निरंकारी मिशन क्या है ?
सन्त निरंकारी मिशन Sant Nirankari Mission न कोई नया धर्म है और न ही कोई संप्रदाय बल्कि यह एक आध्यात्मिक विचारधारा है।
मिशन विभिन्न विचारधाराओं में आस्था रखने वाले समस्त लोगों का सम्मान करता है। यह युगों-युगों से स्थापित इस सच्चाई में यकीन रखता है कि साकार सतगुरू के माध्यम से ही परमपिता परमात्मा की जानकारी प्राप्त हो सकती है और इसी सच्चाई से अवगत होना मानव जीवन का परम लक्ष्य है।
https://www.youtube.com/watch?v=8oASKS7xkoI
Nirankari Bhajan New 2022 | Nirankari Rehmatein
ईश्वर प्राप्ति के द्वारा ही वैश्विक भाईचारे की स्थापना संभव है तथा सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण व विश्वव्यापी शान्ति और समृद्धि के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है। [ Nirankari Rehmatein ]
दिल्ली / ग्रेटर दिल्ली की संगतों के लिए विशेष रहमत जी !
Nirankari Live Today
आप सबको सूचित करते हुए अपार खुशी हो रही है कि सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज की हुज़ूरी में [ Nirankari Rehmatein ] एक विशेष सत्संग कार्यक्रम रविवार 3 अप्रैल 2022 को दिल्ली में होने जा रहा है।
कार्यक्रम का विवरण | Nirankari Live Satsang Delhi
कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है:
स्थान:
ग्राउंड न. 2, निरंकारी सरोवर के सामने, दिल्ली
Nirankari Bhajan New 2022
समय:
शाम 5 बजे से 8 बजे तक (भारतीय समयानुसार) (Time: 5 PM to 8 PM IST)
Nirankari Live
यह सत्संग कार्यक्रम सन्त निरंकारी मिशन की Official Website — https://live.nirankari.org पर live प्रसारित किया जाएगा जी !
विनती
यह सूचना समस्त साध संगत के साथ सांझा करने की कृपा करें ताकि सभी इस रहमत के पात्र बन सकें।
कृपया ध्यान दें जी !
कि इस दिन पूरे Delhi NCR में (किसी भी समय) कोई अन्य सत्संग कार्यक्रम नहीं होगा।
बोलिए सतगुरु माता सुदीक्षा सविंदर हरदेव जी महाराज की जय !
Nirankari Live Gwalior Satsang | धन निरंकार जी संतो ! आज काफी लम्बे अरसे के बाद सतगुरु माता सुदीक्षा जी की रहमतों का भण्डार यहाँ ग्वालियर की संगत / महापुरषों-सन्तजनों की झोलियों में प्राप्त हुआ है ! सच में यहाँ ग्वालियर में मौज़ूद हर इक सन्त की अपने सतगुरु को यहाँ साकार रूप में दर्शन करके धन्य हो गया है !
माता जी के यहाँ आगमन पर ग्वालियर की समस्त साध संगत की और से माता जी के चरणों में लाख-लाख शुक्रिया ! माता जी आप सदैव ही ऐसे ही आशीर्वाद देने आते रहना जी ! ……..समस्त साध-संगत (Gwalior) ग्वालियर क्षेत्र !
Nirankari Live Gwalior Satsang 2022 | निरंकारी ग्वालियर सत्संग
सतगुरु माता सुदीक्षा सविंदर हरदेव जी महाराज की जय !
Nirankari Live : निरंकारी लाइव – सजीव सत्संग और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
Nirankari Live Satsang निरंकारी लाइव | Nirankari Live
धन निरंकार जी ! Nirankari Live Satsang सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की जय ! आज हम बात करेंगे सतगुरु की रहमतों की, Nirankari Live कि पूर्ण सतगुरु हमारे अज्ञान रुपी अँधेरे को कैसे ब्रह्मज्ञान की दात बक्श कर हमारे जीवन में प्रकाश बिखेर देते हैं।
सद्गुरु हमारे मुक्तिदाता होते हैं | Nirankari Live Today
Nirankari Live Satsang : सद्गुरु निराकार ब्रह्म का साकार रूप होता है, जो सत्य का दर्शन करवा कर अंधकार से प्रकाश की ओर जिज्ञासुओं को ले जाता है। Nirankari Live Satsang यह जीवों में रचनात्मक प्रवृत्ति का सृजनहार है, समस्त जीवों का प्रतिपालक है तथा दुर्गुणों का संहार करने वाला है। परमात्मा यदि सत्य है तो सद्गुरु साध्य है। परमात्मा यदि उद्देश्य है तो सद्गुरु उद्देश्य तक पहुँचने का मार्ग है। परमात्मा अनन्त है तो सद्गुरु के अनन्त उपकार हैं।
सद्गुरु की महिमा अनन्त, अनन्त कियो उपकार ।
लोचन अनंत उधारिया, अनन्त दिखावनहार।
Nirankari Live
Nirankari Live Satsang : निराकार जो अनन्त है, बेअन्त है, इसे देखने की शक्ति इन भौतिक नेत्रों में कहाँ थी? ये तो सद्गुरु की कृपा मात्र है जो दुर्लभ काज को सुलभ कर दिया। मानव मन हमेशा दुविधा में पड़ा रहता है जिससे निकालकर सद्गुरु ही जीवन जीने की कला सिखाता है। इसलिए तो कहा गया है “शीश दिये जो गुरु मिले तो भी सस्ता जान” शीश का तात्पर्य अहंकार से है जिसका समर्पण गुरु चरणों में करने से ही पारब्रह्म का दर्शन संभव है।
निर्गुण रूप (निरंकार) को समझना तो सुगम है, परन्तु सगुण साकार (गुरु) अवतार को कोई-कोई ही जान पाता है क्योंकि यह मानव रूप में अवतार लेकर आश्चर्यजनक लीलाएं दिखाया करता है।
निरगुन रूप सुगम अति, सगुन ज्ञान नहि कोई।
सुगम अगम नाना चरित, सुनि मुनि मन भ्रम होई ।
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निरंकारी मिशन के इतिहास पर दृष्टिपात करने के पश्चात् यह ज्ञात होता है कि सद्गुरु ज्ञान होता है, शरीर नहीं। Nirankari Live बाबा बूटा सिंह जी ने अन्तिम स्वांसों तक सत्य का प्रचार किया। जीवन के अन्तिम आयाम में पूरे सत्संग में दुपट्टा भाई साहब अवतार सिंह जी के गले में डालकर सद्गुरु प्रकट किया। सुमिरण करते-करते निराकार की गोद में लीन हुए।
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समय का सद्गुरु सारे ब्रह्माण्ड का मालिक होता है
समय का सद्गुरु सारे ब्रह्माण्ड का मालिक होता है और अपने संकल्प मात्र से जो चाहे कर सकता है। बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने 13 मई 2016 को पंचतत्व के शरीर को त्याग दिया। सद्गुरु ने अपने भगत को कभी अकेला नहीं छोड़ा। आज समय के रहबर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज हमें सत्य का बोध करा रहे हैं, जब-जब धर्म की हानि होती है, निराकार-प्रभु साकार रूप में सद्गुरु बनकर संसार में प्रकट होता है। मानवता के कल्याण के लिए, सारे जगत के उद्धार के लिए सभी को सदमार्ग पर चलाने के लिए, सभी की अज्ञानता को मिटाने के लिए और सभी के मनों को दिव्य रोशनी से प्रज्ज्वलित निरंकारी रहमतें करने के लिए ही ये संसार में आता है।
बाबा अवतार सिंह जी सत्य का प्रचार-प्रसार करते हुए अपने जीवनकाल में ही बाबा गुरबचन सिंह जी को सद्गुरु रूप में प्रकट किया एवं शेष जीवन एक गुरसिख की तरह जीवन जीकर दिखलाया।
बाबा गुरबचन जी ने सत्य के प्रचार को देश-विदेश तक पहुँचाया, दुनिया के कोने-कोने में सत्य का प्रचार किया। अन्तर्यामी सद्गुरु बाबा गुरबचन सिंह जी ने पार्थिव शरीर का त्याग कर बाबा हरदेव सिंह जी को सद्गुरु रूप में प्रकट किया। इनके मार्गदर्शन में निरंकारी जगत का ध्वज देश-विदेश तक लहराने लगा था और नारी शक्ति के रूप में राजमाता जी का सान्निध्य प्राप्त हुआ।
सद्गुरु सभी के कल्याण के लिए आते हैं
यह सभी धर्म, वर्ग, जाति और भिन्न-भिन्न भाषा-भाषी, भिन्न पहरावे वाले, भिन्न-भिन्न खान-पान वाले और भिन्न-भिन्न स्थानों तथा देशों में रहने वाले, सभी के कल्याण के लिए आता है। जैसे सूर्य सभी को समान रोशनी देता है, उसी प्रकार सत्गुरु भी सभी को ब्रह्मज्ञान की दात देकर मानव एकता एवं विश्व बन्धुत्व का अनुगामी बनाता है।
नारी शक्ति को बराबर का दर्जा एवं सम्मान देने का श्रेय यदि किसी को जाता है तो निरंकारी मिशन को जाता है। इसके पश्चात् बाबा हरदेव सिंह जी ने ३६ वर्षो तक निरंकारी जगत को प्यार, सत्कार, विश्व बंधुत्व, एकत्व, समभाव की भावना से सराबोर किया। विगत वर्षों में बाबा हरदेव सिंह जी के कार्यों को सम्मान देते हुए, लगातार प्रयास से संयुक्त राष्ट्र में निरंकारी मिशन को विशेष सलाहकार का स्थान प्राप्त हुआ।
सद्गुरु जैसा कोई और नहीं होता
सद्गुरु हर युग में एक ही होता है और इस जैसा कोई और नहीं होता। सत्गुरु का मुख्य लक्षण यही है कि वह एक क्षण में सर्वव्यापक प्रभु की पहचान करवाता है। सद्गुरु मुक्तिदाता होता है। एक परमात्मा का ज्ञान देकर वह सारे भ्रमों का नाश करने वाला होता है और जीव को अपना भी ज्ञान हो जाता है। सच्चे गुरसिख के दिल का तार गुरु से हमेशा जुड़ा रहता है। वह गुरु की आँख से देखता है, गुरु के कान से सुनता है और गुरु के ज्ञान सागर से हीरे-मोती जैसे कल्याणकारी वचनों को चुनकर अपना लोक सुखी और परलोक सुहेला करता है।
मिशन को ‘क्वींस अवार्ड’ सहित अनेकों शान्ति पुरस्कार भी प्राप्त हुए। सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में ‘रक्तदान’ के कारण विश्व में मिशन को प्रमुख स्थान प्राप्त है। प्रदूषण, सफाई अभियान, वृक्षारोपण एवं अनेकों ऐसे कार्य हो रहे हैं, जिससे जनमानस का कल्याण संभव है। सद्गुरु की लीलाएं होती हैं, क्योंकि वह जो चाहे कर सकता है –
सत्गुर हुन्दा जग दा दाता जो एह चाहे कर सकदा ए ।
पत्थर दिल वी इस दी छोह नाल भवसागर तो तर सकदा ए ।
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सतगुरु कौन होते हैं ?
सतगुरु मुक्तिदाता होते हैं जो हमें जन्म-मरण के आवागमनों से मुक्त कराते हैं और सतगुरु ही हमें परमात्मा के दर्शन करवा कर हमारे जीवन को सफल बनाते हैं।
मानव का इस संसार में मूल उद्देश्य क्या है ?
मानव का इस संसार में मूल उद्देश्य परमात्मा की प्राप्ति करके मुक्ति पाना है।
सभी धर्मों की शिक्षाएँ क्या हैं ?
सभी धर्मों की शिक्षाएँ मानव को मानव से प्यार करना और इंसानियत अपनाकर अपने जीवन को सुंदर बनाकर उस एक प्रभु-परमात्मा की पहचान करना है जिस की हम इबादत करते हैं जिसे हम कई नामों से जानते और पुकारते हैं।
निरंकारी मिशन के संस्थापक कौन हैं?
निरंकारी मिशन के संस्थापक बाबा बूटा सिंह जी हैं।
निरंकारी मिशन का इतिहास क्या है?
निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में हुई थी और तब से यह मानवता की सेवा और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देने में लगा हुआ है।
निरंकारी मिशन का लक्ष्य क्या है?
निरंकारी मिशन का लक्ष्य मानवता के बीच प्रेम, शांति और एकता स्थापित करना और ईश्वर की वास्तविक अनुभूति प्रदान करना है।
निरंकारी मिशन की आध्यात्मिक शिक्षा क्या है?
निरंकारी मिशन की आध्यात्मिक शिक्षा ईश्वर की वास्तविक अनुभूति पर आधारित है और यह सिखाता है कि सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान हैं।
निरंकारी मिशन के सामाजिक सेवा कार्य क्या हैं?
निरंकारी मिशन के सामाजिक सेवा कार्यों में चिकित्सा शिविर, रक्तदान शिविर, शिक्षा परियोजनाएँ, वृक्षारोपण अभियान और आपदा राहत कार्य शामिल हैं।
निरंकारी मिशन के अनुयायी कौन हैं?
निरंकारी मिशन के अनुयायी वे लोग हैं जो इसके सिद्धांतों का पालन करते हैं और मानवता की सेवा में लगे हुए हैं।
निरंकारी मिशन के सत्संग कहाँ होते हैं?
निरंकारी मिशन के सत्संग विश्वभर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित होते हैं।
निरंकारी मिशन के साहित्य कहाँ से प्राप्त कर सकते हैं?
निरंकारी मिशन का साहित्य इसके आधिकारिक वेबसाइट और सत्संग केंद्रों से प्राप्त किया जा सकता है।
निरंकारी मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
निरंकारी मिशन का मुख्य उद्देश्य मानवता के बीच प्रेम, शांति और एकता स्थापित करना और ईश्वर की वास्तविक अनुभूति प्रदान करना है।
निरंकारी मिशन के बारे में अधिक जानकारी कहाँ से प्राप्त करें?
निरंकारी मिशन के बारे में अधिक जानकारी इसके आधिकारिक वेबसाइट और स्थानीय सत्संग केंद्रों से प्राप्त की जा सकती है।
धन निरंकार जी ! Nirankari Live | सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की जय !
आज हम बात करेंगे सतगुरु की रहमतों की, कि पूर्ण सतगुरु हमारे अज्ञान रुपी अँधेरे को कैसे ब्रह्मज्ञान की दात बक्श कर हमारे जीवन में प्रकाश बिखेर देते हैं।