Nirankari Live : निरंकारी लाइव – सजीव सत्संग और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
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Nirankari Live Satsang निरंकारी लाइव | Nirankari Live
धन निरंकार जी ! Nirankari Live Satsang सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की जय ! आज हम बात करेंगे सतगुरु की रहमतों की, Nirankari Live कि पूर्ण सतगुरु हमारे अज्ञान रुपी अँधेरे को कैसे ब्रह्मज्ञान की दात बक्श कर हमारे जीवन में प्रकाश बिखेर देते हैं।
सद्गुरु हमारे मुक्तिदाता होते हैं | Nirankari Live Today
Nirankari Live Satsang : सद्गुरु निराकार ब्रह्म का साकार रूप होता है, जो सत्य का दर्शन करवा कर अंधकार से प्रकाश की ओर जिज्ञासुओं को ले जाता है। Nirankari Live Satsang यह जीवों में रचनात्मक प्रवृत्ति का सृजनहार है, समस्त जीवों का प्रतिपालक है तथा दुर्गुणों का संहार करने वाला है। परमात्मा यदि सत्य है तो सद्गुरु साध्य है। परमात्मा यदि उद्देश्य है तो सद्गुरु उद्देश्य तक पहुँचने का मार्ग है। परमात्मा अनन्त है तो सद्गुरु के अनन्त उपकार हैं।
सद्गुरु की महिमा अनन्त, अनन्त कियो उपकार ।
लोचन अनंत उधारिया, अनन्त दिखावनहार।
Nirankari Live
Nirankari Live Satsang : निराकार जो अनन्त है, बेअन्त है, इसे देखने की शक्ति इन भौतिक नेत्रों में कहाँ थी? ये तो सद्गुरु की कृपा मात्र है जो दुर्लभ काज को सुलभ कर दिया। मानव मन हमेशा दुविधा में पड़ा रहता है जिससे निकालकर सद्गुरु ही जीवन जीने की कला सिखाता है। इसलिए तो कहा गया है “शीश दिये जो गुरु मिले तो भी सस्ता जान” शीश का तात्पर्य अहंकार से है जिसका समर्पण गुरु चरणों में करने से ही पारब्रह्म का दर्शन संभव है।
- निर्गुण रूप (निरंकार) को समझना तो सुगम है, परन्तु सगुण साकार (गुरु) अवतार को कोई-कोई ही जान पाता है क्योंकि यह मानव रूप में अवतार लेकर आश्चर्यजनक लीलाएं दिखाया करता है।
निरगुन रूप सुगम अति, सगुन ज्ञान नहि कोई।
सुगम अगम नाना चरित, सुनि मुनि मन भ्रम होई ।
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- निरंकारी मिशन के इतिहास पर दृष्टिपात करने के पश्चात् यह ज्ञात होता है कि सद्गुरु ज्ञान होता है, शरीर नहीं। Nirankari Live बाबा बूटा सिंह जी ने अन्तिम स्वांसों तक सत्य का प्रचार किया। जीवन के अन्तिम आयाम में पूरे सत्संग में दुपट्टा भाई साहब अवतार सिंह जी के गले में डालकर सद्गुरु प्रकट किया। सुमिरण करते-करते निराकार की गोद में लीन हुए।
समय का सद्गुरु सारे ब्रह्माण्ड का मालिक होता है
- समय का सद्गुरु सारे ब्रह्माण्ड का मालिक होता है और अपने संकल्प मात्र से जो चाहे कर सकता है। बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने 13 मई 2016 को पंचतत्व के शरीर को त्याग दिया। सद्गुरु ने अपने भगत को कभी अकेला नहीं छोड़ा। आज समय के रहबर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज हमें सत्य का बोध करा रहे हैं, जब-जब धर्म की हानि होती है, निराकार-प्रभु साकार रूप में सद्गुरु बनकर संसार में प्रकट होता है। मानवता के कल्याण के लिए, सारे जगत के उद्धार के लिए सभी को सदमार्ग पर चलाने के लिए, सभी की अज्ञानता को मिटाने के लिए और सभी के मनों को दिव्य रोशनी से प्रज्ज्वलित निरंकारी रहमतें करने के लिए ही ये संसार में आता है।
- बाबा अवतार सिंह जी सत्य का प्रचार-प्रसार करते हुए अपने जीवनकाल में ही बाबा गुरबचन सिंह जी को सद्गुरु रूप में प्रकट किया एवं शेष जीवन एक गुरसिख की तरह जीवन जीकर दिखलाया।
- बाबा गुरबचन जी ने सत्य के प्रचार को देश-विदेश तक पहुँचाया, दुनिया के कोने-कोने में सत्य का प्रचार किया। अन्तर्यामी सद्गुरु बाबा गुरबचन सिंह जी ने पार्थिव शरीर का त्याग कर बाबा हरदेव सिंह जी को सद्गुरु रूप में प्रकट किया। इनके मार्गदर्शन में निरंकारी जगत का ध्वज देश-विदेश तक लहराने लगा था और नारी शक्ति के रूप में राजमाता जी का सान्निध्य प्राप्त हुआ।
सद्गुरु सभी के कल्याण के लिए आते हैं
- यह सभी धर्म, वर्ग, जाति और भिन्न-भिन्न भाषा-भाषी, भिन्न पहरावे वाले, भिन्न-भिन्न खान-पान वाले और भिन्न-भिन्न स्थानों तथा देशों में रहने वाले, सभी के कल्याण के लिए आता है। जैसे सूर्य सभी को समान रोशनी देता है, उसी प्रकार सत्गुरु भी सभी को ब्रह्मज्ञान की दात देकर मानव एकता एवं विश्व बन्धुत्व का अनुगामी बनाता है।
- नारी शक्ति को बराबर का दर्जा एवं सम्मान देने का श्रेय यदि किसी को जाता है तो निरंकारी मिशन को जाता है। इसके पश्चात् बाबा हरदेव सिंह जी ने ३६ वर्षो तक निरंकारी जगत को प्यार, सत्कार, विश्व बंधुत्व, एकत्व, समभाव की भावना से सराबोर किया। विगत वर्षों में बाबा हरदेव सिंह जी के कार्यों को सम्मान देते हुए, लगातार प्रयास से संयुक्त राष्ट्र में निरंकारी मिशन को विशेष सलाहकार का स्थान प्राप्त हुआ।
सद्गुरु जैसा कोई और नहीं होता
- सद्गुरु हर युग में एक ही होता है और इस जैसा कोई और नहीं होता। सत्गुरु का मुख्य लक्षण यही है कि वह एक क्षण में सर्वव्यापक प्रभु की पहचान करवाता है। सद्गुरु मुक्तिदाता होता है। एक परमात्मा का ज्ञान देकर वह सारे भ्रमों का नाश करने वाला होता है और जीव को अपना भी ज्ञान हो जाता है। सच्चे गुरसिख के दिल का तार गुरु से हमेशा जुड़ा रहता है। वह गुरु की आँख से देखता है, गुरु के कान से सुनता है और गुरु के ज्ञान सागर से हीरे-मोती जैसे कल्याणकारी वचनों को चुनकर अपना लोक सुखी और परलोक सुहेला करता है।
- मिशन को ‘क्वींस अवार्ड’ सहित अनेकों शान्ति पुरस्कार भी प्राप्त हुए। सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में ‘रक्तदान’ के कारण विश्व में मिशन को प्रमुख स्थान प्राप्त है। प्रदूषण, सफाई अभियान, वृक्षारोपण एवं अनेकों ऐसे कार्य हो रहे हैं, जिससे जनमानस का कल्याण संभव है। सद्गुरु की लीलाएं होती हैं, क्योंकि वह जो चाहे कर सकता है –
सत्गुर हुन्दा जग दा दाता जो एह चाहे कर सकदा ए ।
पत्थर दिल वी इस दी छोह नाल भवसागर तो तर सकदा ए ।
Nirankari Live
सतगुरु कौन होते हैं ?
सतगुरु मुक्तिदाता होते हैं जो हमें जन्म-मरण के आवागमनों से मुक्त कराते हैं और सतगुरु ही हमें परमात्मा के दर्शन करवा कर हमारे जीवन को सफल बनाते हैं।
मानव का इस संसार में मूल उद्देश्य क्या है ?
मानव का इस संसार में मूल उद्देश्य परमात्मा की प्राप्ति करके मुक्ति पाना है।
सभी धर्मों की शिक्षाएँ क्या हैं ?
सभी धर्मों की शिक्षाएँ मानव को मानव से प्यार करना और इंसानियत अपनाकर अपने जीवन को सुंदर बनाकर उस एक प्रभु-परमात्मा की पहचान करना है जिस की हम इबादत करते हैं जिसे हम कई नामों से जानते और पुकारते हैं।
निरंकारी मिशन के संस्थापक कौन हैं?
निरंकारी मिशन के संस्थापक बाबा बूटा सिंह जी हैं।
निरंकारी मिशन का इतिहास क्या है?
निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में हुई थी और तब से यह मानवता की सेवा और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देने में लगा हुआ है।
निरंकारी मिशन का लक्ष्य क्या है?
निरंकारी मिशन का लक्ष्य मानवता के बीच प्रेम, शांति और एकता स्थापित करना और ईश्वर की वास्तविक अनुभूति प्रदान करना है।
निरंकारी मिशन की आध्यात्मिक शिक्षा क्या है?
निरंकारी मिशन की आध्यात्मिक शिक्षा ईश्वर की वास्तविक अनुभूति पर आधारित है और यह सिखाता है कि सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान हैं।
निरंकारी मिशन के सामाजिक सेवा कार्य क्या हैं?
निरंकारी मिशन के सामाजिक सेवा कार्यों में चिकित्सा शिविर, रक्तदान शिविर, शिक्षा परियोजनाएँ, वृक्षारोपण अभियान और आपदा राहत कार्य शामिल हैं।
निरंकारी मिशन के अनुयायी कौन हैं?
निरंकारी मिशन के अनुयायी वे लोग हैं जो इसके सिद्धांतों का पालन करते हैं और मानवता की सेवा में लगे हुए हैं।
निरंकारी मिशन के सत्संग कहाँ होते हैं?
निरंकारी मिशन के सत्संग विश्वभर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित होते हैं।
निरंकारी मिशन के साहित्य कहाँ से प्राप्त कर सकते हैं?
निरंकारी मिशन का साहित्य इसके आधिकारिक वेबसाइट और सत्संग केंद्रों से प्राप्त किया जा सकता है।
निरंकारी मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
निरंकारी मिशन का मुख्य उद्देश्य मानवता के बीच प्रेम, शांति और एकता स्थापित करना और ईश्वर की वास्तविक अनुभूति प्रदान करना है।
निरंकारी मिशन के बारे में अधिक जानकारी कहाँ से प्राप्त करें?
निरंकारी मिशन के बारे में अधिक जानकारी इसके आधिकारिक वेबसाइट और स्थानीय सत्संग केंद्रों से प्राप्त की जा सकती है।
Nirankari Vichar Today | मानवता के गुणों से भरा हो हमारा जीवन
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Itís difficult to find educated people about this subject, but you sound like you know what youíre talking about! Thanks
Dhan Nirankar Ji | Thanks & Regard’s #NirankariRehmatein | @NirankariRehmatein | Nirankari Rehmatein | निरंकारी रहमतें
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